World Blood Donation Day

World Blood Donation Day: 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस है। शरीर विज्ञान में नोबल पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन की याद में पूरे विश्व में विश्व रक्तदान दिवस (World Blood Donation Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य रक्तदान को प्रोत्साहन देना एवं उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है। 14 जून 1868 को ही महान वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन का जन्म हुआ था, उन्होंने मानव रक्त में उपस्थित एग्ल्युटिनिन की मौजूदगी के आधार पर रक्तकणों का ए, बी और ओ समूह में वर्गीकरण किया। इस वर्गीकरण ने चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस महत्वपूर्ण खोज के लिए ही कार्ल लैंडस्टाईन को सन 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया।
सन 1997 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सौ फीसदी स्वैच्छिक रक्तदान की शुरूआत की, जिसमें 124 प्रमुख देशों को शामिल कर सभी देशों से स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने की अपील की गई। इस पहल का मुख्य उद्देश्य था, कि किसी भी नागरिक को रक्त की आवश्यकता पड़ने पर उसे पैसे देकर रक्त न खरीदना पड़े। और इसी उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अब तक 49 देशों ने स्वैच्छिक रक्तदान को अमलीजामा पहनाया है। हालांकि कई देशों में अब भी रक्तदान के लिए पैसों का लेनदेन होता है,जिसमें भारत भी शामिल है। लेकिन फिर भी रक्तदान को लेकर विभिन्न संस्थाओं व व्यक्तिगत स्तर पर उठाए गए कदम भारत में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने में कारगर साबित हुए हैं।
रिसर्च के मुताबिक भारत में रक्त की आवश्यकता का केवल 75 प्रतिशत ही उपलब्ध हो पाता है, जबकि विश्व के अन्य देशों में ये आंकड़े अधिक हैं।नेपाल में 100 में से 90 फीसदी, श्रीलंका में 60 फीसदी, थाईलैंड में 95 फीसदी, इंडोनेशिया में 77 फीसदी और म्यांमार में आवश्यकता के कुल 60 फीसदी रक्त की पूर्ति हो जाती है। इस मामले में भारत अन्य देशों के मुकाबले पीछे है, लेकिन इसके बावजूद देश का पंजाब प्रांत रक्तदान के लेकर काफी जागरूक और सक्रिय है। भटिंडा में 10 हजार से भी अधिक रक्तदाता स्वैच्छिक एवं नियमित रक्तदान करते हैं, साथ ही यहां के ब्लड बैंकों से आसपास के क्षेत्रों- फरीदकोट, पटियाला, मेडिकल कॉलेजों में ब्लड सप्लाई किया जाता है। रेडक्रॉस द्वारा भी 85 फीसदी स्वैच्छिक रक्तदान होता है जिसे अब 95 फीसदी करने के लिए संस्था सक्रिय है।
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विश्व रक्तदान दिवस : राज्यपाल ने आम नागरिकों से की रक्तदान करने की अपील
रायपुर- राज्यपाल अनुसुईया उइके ने विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर राज्य के नागरिकों से अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान करने की अपील की है।उन्होंने कहा है कि रक्तदान एक पुनीत कार्य है। सभी दानों में रक्तदान को सर्वश्रेष्ठ दान माना जाता है क्योंकि इससे किसी का जीवन बचाया जा सकता है। सिकलसेल एनीमिया, थैलेसिमिया, प्रसव के समय महिलाओं को, किसी दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने पर या बीमार होने पर लोगों को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तो दान किये रक्त से उसकी पूर्ति की जा सकती है। ब्लड बैंकों में रक्त की आवश्यकता की निरंतर पूर्ति करने के लिये पर्याप्त मात्रा में रक्त संग्रह होना जरूरी है। राष्ट्र में निर्मित वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए स्वैच्छिक रक्तदान किया जा सकता है।
उन्होंने कहा है कि स्वस्थ्य व्यक्ति सुरक्षा मापदण्डों का पालन करते हुए चिकित्सक की सलाह पर स्वैच्छिक रक्तदान कर सकते हैं। राज्यपाल ने कहा है कि सामाजिक दूरी और रक्तदान हेतु जारी की गई गाइडलाइन का पालन करते हुए लोग अधिक से अधिक रक्तदान करें और संकटाग्रस्त मनुष्य का जीवन बचाएं। एक व्यक्ति द्वारा किये गये रक्तदान से चार जिंदगियां बच सकती हैं।
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