
पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी पर भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय का बयान आया है। मंत्रालय ने मंगलवार रात को कहा कि वह भारत और चीनी सेनाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उपजी स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है।अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम एलएसी पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच उपजी स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। हमने नोट किया है कि भारतीय सेना ने घोषणा की है कि 20 जवान शहीद हुए हैं और हम उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं। भारत और चीन दोनों ने तनाव कम करने की इच्छा व्यक्त की है और हम वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। 2 जून, 2020 को राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच फोन पर हुई वार्ता में भारत-चीन सीमा पर स्थिति पर चर्चा की गई थी।’
भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा कि चीनी सैनिकों के साथ गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए हैं। बयान में सेना ने कहा कि इतनी ही संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए हैं। सेना ने बयान में कहा, ‘भारतीय और चीन सैनिक 15-16 की दरमियानी रात को गलवां क्षेत्र में आपस में भिड़ गए। 17 भारतीय सैनिक इस दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में वह शहीद हो गए। इसके साथ ही झड़प में शहीद हुए सैनिकों की संख्या 20 हो गई है।’
आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘भारतीय सेना दृढ़ता से राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।’ हालांकि विदेश मंत्रालय ने घटना के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है। मंत्रालय का कहना है कि उसने एकतरफा रूप से स्थिति बदलने की कोशिश की और गलवां घाटी में एलएलसी का सम्मान करने के लिए उसे आम सहमति से प्रस्थान करना चाहिए। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र के अध्यक्ष एंतोनियो गुतारेस ने भारत-चीन सीमा विवाद पर गहरी चिंता व्यक्त की है और दोनों पक्षों से संयम बरतने का अनुरोध किया है।