
कोरोना वायरस के बढ़ते संकमण से दुनिया के 200 से ज्यादा देश परेशान हैं। हर दिन कोरोना संक्रमण और इससे होने वाीली मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। दुनियाभर के लोगों को जल्द से जल्द कोरोना की वैक्सीन का इंतजार है। भारत समेत अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन, इस्राइल आदि कई देशों में वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन बनाने में जुटे हैं।दुनियाभर में 120 से ज्यादा वैक्सीन पर काम हो रहा है, जिनमें से 21 से ज्यादा वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल की फेज में हैं।वैक्सीन आने में अभी वक्त लगेगा,लेकिन जब तक वैक्सीन नहीं आती, तब तक कोरोना से बचने को कौन से उपाय अपनाना जरूरी है?विशेषज्ञ शुरुआत से सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क के इस्तेमाल पर जोर देते रहे हैं, लेकिन इनके अलावा भी बचाव के उपाय करने होंगे।
प्रतिष्ठित हेल्थ जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित एक शोध अध्यययन में कहा गया है कि शारीरिक दूरी के साथ-साथ मास्क और आंखों की भी सुरक्षा से संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।शोधकर्ताओं के मुताबिक,विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मौजूदा प्रमाणों की व्यवस्थित समीक्षा कराई गई है।
कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और इस समीक्षा के प्रमुख लेखक होल्गर शूनेमन ने कहा कि फिजिकल डिस्टेंसिंग यानी शारीरिक दूरी से कोरोना के मामले में कमी आने की संभावना है। शूनेमन डब्ल्यूएचओ के संक्रामक बीमारियों, अनुसंधान के तरीके और सिफारिश वाले समन्वय केंद्र के सह निदेशक भी हैं।

प्रो. शूनेमन ने कहा कि दो मीटर या उससे अधिक की शारीरिक दूरी के साथ ही चेहरे पर मास्क या फेस शील्ड और आंखों की सुरक्षा करने से कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है। स्वास्थ्यकर्मी जो मास्क पहनते हैं, उनका इस्तेमाल दूसरे और सामान्य मास्क की तुलना में ज्यादा सुरक्षा देगा। हालांकि घर में तैयार मास्क भी कारगर हैं। कपड़े की दो या तीन लेयर हो।
कई अध्ययनों की समग्र समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई है कि दो मीटर या उससे ज्यादा की फिजिकल डिस्टेंसिंग यानी शारीरिक दूरी कोरोना संक्रमण को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने से बचा सकती है। शोधकर्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि आंखों की सुरक्षा का ध्यान रखना भी जरूरी है। कारण कि कुछ शोध में आंखों के जरिए संक्रमण फैलने की भी संभावना जताई जा चुकी है।