
रायपुर- कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए राजधानी समेत बिरगांव इलाके में 22 से 28 जुलाई तक यानी बुधवार से कर्फ्यू जैसे हालात रहेंगे। रायपुर के शहरी इलाकों में ही लॉकडाउन होगा। ग्रामीण इलाके लॉकडाउन से मुक्त रहेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने रायपुर और बिरगांव में एक साथ एक सप्ताह के लिए पूर्णतः तालाबंदी (लॉकडाउन ) करने का फैसला लिया है।कोरोना से बचाव और प्रसार की रोकथाम के लिए जिले में पहले से ही धारा 144 लागू है और शारीरिक दूरी के पालन के नियम को अपनाया जा रहा है।वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए पूर्णतः तालाबंदी मंगलवार की रात 11 बजे से 29 जुलाई की सुबह 6 बजे तक रहेगी ।
शराब दुकान, हाट-बाजार और परिवहन आदि पर प्रतिबंध
जिले में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले कार्यालय और प्रतिष्ठान को छोड़कर सभी तरह की दुकानें, शराब दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, कार्यालय, साप्ताहिक हाट-बाजार आदि अपनी संपूर्ण गतिविधियों को बंद रखेंगे।समस्त सार्वजनिक परिवहन सेवाएं, जिसमें निजी बसें, टैक्सी, ऑटो रिक्शा, बसें, ई-रिक्शा, रिक्शा इत्यादि भी शामिल हैं। इनके परिचालन को बंद किया जाएगा।केवल इमरजेंसी मेडिकल सेवा वाले व्यक्तियों को वाहन की ओर से आवागमन की अनुमति रहेगी। ऐसे निजी वाहन, जो इस आदेश के अंतर्गत आवश्यक वस्तुओं, सेवाओं के उत्पादन और उनके परिवहन का कार्य कर रहे हों, उन्हें भी अपवादिक स्थिति में तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए परिवहन की छूट रहेगी।सभी धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल आम जनता के लिए पूर्णतः बंद रहेंगे।
ये सेवाएं प्रतिबंध से रहेंगी बाहर
कानून व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवा से संबंधित पदाधिकारी, कर्मचारी, स्वास्थ्य सेवाएं सभी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, लाइसेंस प्राप्त पंजीकृत क्लिनिक, दवा दुकान, चश्मे की दुकान, दवा उत्पादन की इकाई, संबंधित परिवहन, खाद्य आपूर्ति से संबंधित परिवहन सेवाएं, खाद्य पदार्थ दूध, ब्रेड, फल, सब्जी, चिकन, मटन, मछली, अंडा के विक्रय, वितरण, भंडारण, परिवहन की गतिविधियां, दूध संयंत्र, घर पर जाकर दूध बांटने वाले दूध विक्रेता एवं न्यूज पेपर हाकर प्रातः 6:30 से 9:30 बजे तक लॉक डाउन से मुक्त रहेंगे ।
न्यूनतम कर्मचारी से ही उद्योगों को छूट
समस्त औद्योगिक संस्थाएं इकाइयां, जिन्हें उक्त प्रतिबंध से छूट है, उनके लिए यह आवश्यक होगा कि वे न्यूनतम अनिवार्य आवश्यकता तक ही कर्मचारी, अधिकारियों का उपयोग करेंगे और संक्रमण विस्तार को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार, राज्य शासन तथा समय-समय पर अन्य संस्थानों द्वारा महामारी से सुरक्षा हेतु दिए जा रहे निर्देशों का अक्षरशः पालन अनिवार्य रूप से करेंगे। सिर्फ आवश्यक कामकाज वाले सरकारी दफ्तरों में भी एक तिहाई कर्मचारी ही पहुंचेंगे।
मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना होगा
एडीएम विनीत नंदनवार ने बताया कि लॉकडाउन पर विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जा रहा है, साथ ही मास्क लगाने का प्रावधान और भी सख्त किया जाएगा।अगर कोई मास्क बगैर दिखेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना वसूला जाएगा।