राष्ट्रपति ने कहा – आत्म निर्भर भारत ने कोविड का टीका बनाकर मानवता की भलाई के लिए एक नये गौरवशाली अध्यााय की शुरुआत की

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वैज्ञानिकों के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी वजह से देश में खाद्य सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा, बीमारियों से बचाव तथा प्राकृतिक आपदाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में विकास संभव हो पाया है।उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने दिन-रात परश्रिम करके कोरोना वायरस से बचाव के लिए रिकार्ड समय में टीका विकसित किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने इस उपलब्धि के साथ ही मानवता की भलाई में योगदान के लिए एक गरीमामय अध्याय जोड़ दिया है।कोविंद ने कहा कि डाक्टरों, प्रशासकों और विभिन्न वर्ग के लोगों ने कोरोना महामारी के समय महत्वपूर्ण योगदान दिया तथा विकसित देशों की तुलना में यहां मृत्यु दर को कम करने में मदद की।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि महामारी के समय हमारे प्रभावकारी तंत्रों ने अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने कहा कि देशवासियों ने आपस में परिवार की तरह एकजुट होकर महामारी के समय अनुकरणीय त्याग और सेवा का परिचय दिया है।
उन्होंने डाक्टर नर्सो और स्वास्थ्य तथा स्वच्छताकर्मियों का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि महामारी के समय में अपनी जान जोखिम में डालकर उन्होंने मरीजों की देखभाल की। राष्ट्रपति ने कहा कि अग्रमि पंक्ति की कोरोना योद्ध देश के साधारण नागरिक थे जिन्होंने असाधारण योगदान किया।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि आत्म निर्भर भारत ने कोविड-19 का टीका स्वयं विकसित किया और अब व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। यह आनेवाली पीढि़यों के लोग इस दौर के इतिहास का स्मरण करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह तैयारी के साथ सफलतापूर्वक यह अभियान चला रहे हैं। राष्ट्रपति ने देशवासियों से आग्रह किया कि टीकाकरण अभियान में शामिल होकर दिशा निर्देशों के साथ इसका पालन करें।
उन्होंने कहा कि दवााओं के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को देखते हुए आज भारत को फार्मेसी ऑफ द बर्ल्ड कहना उचित है क्योंकि देश आज समूचे विश्व में महामारी से निपटने और मनावता के लाभ के लिए कई देशों को दवाओं और स्वास्थ्य उपकरणों का निर्यात कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब भारत विश्व को टीका उपलब्ध करा रहा है।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में लोगों के जीवन को खतरे में डाले बिना अनलॉक की प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू की गई। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की बहाली उम्मीद से कहीं ज्यादा और प्रभावी तरीके से हो रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि वस्तु सेवा कर संग्रह और विदेशी मुद्रा भंडार देश की अर्थव्यवस्था की तेजी से हो रही बहाली की सूचक है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के बारे में श्री कोविंद ने कहा कि इसमें परम्परा के साथ-साथ प्रौद्योगिकी पर भी बल दिया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि इससे नए भारत की बुनियाद पड़ेगी, जिससे देश के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज्ञान के केंद्र के रूप में उभरने की संभावना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछला वर्ष मुसीबतों का समय था, जो कई तरह से सामने आईं। उन्होंने कहा कि भारत को सीमाओं पर अत्यधिक विकसित स्थिति का सामना करना पड़ा, लेकिन हमारे बहादुर जवानों ने इसे नाकाम कर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि यह उद्देश्य हासिल करने के लिए हमारे 20 बहादुर जवानों ने जान कुर्बान की।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र उन बहादुर जवानों का सदैव आभारी रहेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि हालांकि हम शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हमारे रक्षा बल – सेना, वायुसेना और नौसेना देश की सुरक्षा को चुनौती देने के किसी भी प्रयास को असफल करने के लिए पूरी तरह से एकजुट हैं। श्री कोविंद ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय हित की किसी भी कीमत पर सुरक्षा की जाएगी।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत आगे बढ़ रहा है और विश्व में अपना यथोचित स्थान हासिल कर रहा है। हाल के वर्षों में इसके प्रभाव का विस्तार हुआ है और देश ने व्यापक दुनिया तक अपनी पहुंच बनाई है। उन्होंने कहा कि भारत ने इस वर्ष सुरक्षा परिषद ने अस्थाई सदस्य के रूप में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का अभूतपूर्व समर्थन जुटाया, इससे इसके प्रभाव का संकेत मिलता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि गंभीर आपदा के बावजूद भारत कई क्षेत्रों में गतिविधियां आगे बढ़ाने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि यह महामारी युवा पीढ़ी की शिक्षा पर खतरा बन कर आई, लेकिन शिक्षा संस्थाओं और शिक्षकों ने बड़ी तेजी से नई प्रौद्योगिकी को अपनाया और यह सुनिश्चित किया, कि युवा पीढ़ी की शिक्षा न छूटे।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि बिहार में न सिर्फ स्वतंत्र और निष्पक्ष बल्कि सुरक्षित चुनाव भी कराए गए, जहां देश की बड़ी आबादी रहती है। केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कशमीर और लद्दाख में दुर्गम इलाकों और अन्य चुनौतियों के बीच लोकतंत्र मजबूत हुआ और निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया उल्लेखनीय ढंग से सम्पन्न कराई। उन्होंने कहा कि न्याय पालिका ने प्रौद्योगिकी से मदद ली और अपना कामकाज जारी रखा तथा न्याय प्रदान किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि समानता हमारे लोकतंत्र की महान खूबी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक बराबरी हम में से प्रत्येक व्यक्ति, ग्रामीण जन, महिलाओं, हमारे समाज के कमजोर वर्गों- अनुसूचित जाति, जनजाति, दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए सम्मान को महत्व देती है।राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि आर्थिक बराबरी सबके लिए समान अवसर उपलब्ध कराती है और समाज के वंचित वर्गों के लिए भी समान रूप से महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने हर किसी से संवैधानिक नैतिकता के पथ पर आगे बढ़ते रहने की अपील की, जिसका बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर ने संविधान का मसौदा प्रस्तुत करते समय संविधान सभा में भाषण के दौरान उल्लेख किया था।