आपकी कार-बाइक के ‘सुरक्षित’ डाटाबेस को सरकार ने ‘बेचा’,100 करोड़ रुपये में

जहां आम जनता डाटा प्राइवेसी को लेकर चिंतित है, वहीं सरकार आपके इस निजी डाटा को बेच कर वारे न्यारे कर रही है। वाहन और सारथी एप आपके सुरक्षित डाटा को बेच कर सरकार ने 100 करोड़ रुपये की कमाई कर डाली है। वहीं यह खुलासा किसी स्टिंग ऑपरेशन या किसी मीडिया कंपनी ने नहीं किया है, बल्कि सरकार संसद में खुलेआम इसे कबूल भी कर रही है।
170 पार्टियों को किया साझा
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद सत्र के दौरान बताया कि सरकार ने वाहन और सारथी एप डाटाबेस की पहुंच निजी कंपनियों को देकर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने बताया कि सरकार ने यह डाटा कानून प्रवर्तन एजेंसियों, गृह मंत्रालय, ऑटो, इंश्योरेंस कंपनियों के साथ साझा किया है। लगभग 170 पार्टियों को दो डाटाबेस साझा किया गया है। जिनमें बीएमडब्ल्यू, एक्सिस बैंक, बजाज अलायंस, जनरल इंश्योरेंस, लार्सन एंड टर्बो फाइनेंशियल सर्विसेज और मर्सिडीज बेंज शामिल हैं।
2019 में की 65 करोड़ रुपये की कमाई
एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने वाहन और सारथी एप का डाटाबेस बेच कर 1,11,38,79,757 रुपये की कमाई की है। इससे पहले सरकार ने 2019 में 65 करोड़ रुपये की कमाई की थी। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक केंद्रीय वाहन डाटाबेस में 25 करोड़ वाहन और सारथी डाटाबेस में 15 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस रजिस्टर्ड हैं।
यह है सरकार का तर्क
हालांकि सरकार का कहना है कि 2019 में ही उन्होंने बल्क डाटा शेयरिंग पॉलिसी को रद्द कर दिया था, जिसमें वाहन और सारथी डाटाबेस में शामिल रजिस्टर वाहनों की डिटेल्स और ड्राइविंग लाइसेंस के बारे में जानकारी नहीं दी जाएगी। साथ ही वाहन मालिकों की निजी जानकारियां साझा नहीं की गई हैं। सरकार का तर्क है कि वाहन का बेसिक डाटा mParivahan App या मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद है, जिसे मुफ्त में हासिल किया जा सकता है। इस डाटाबेस में वाहन का प्रकार, मॉडल, रंग, सीटों की संख्या, चैसिस नंबर, ईंधन का प्रकार, फाइनेंस और इंश्योरेंस कंपनी का नाम जैसी जानकारियां ही दी गई हैं।