
कोंडागाँव। कोविड19 महामारी से बचाव हेतु देश में लागू किए गए लॉकडाउन से उत्पन्न गंभीर हालात् व उनसे निपटने के संबंध में भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी जिला परिषद कोण्ड़ागांव के जिला सचिव का.तिलक पाण्डे के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार के नाम से प्रेषित ज्ञापन को जिलाधिकारी कोण्ड़ागांव के माध्यम से सौंपा गया। भाकपा द्वारा ज्ञापन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए अवगत कराया गया है कि आज देश बहुत ही विषम परिस्थतियों से गुजर रहा है। कोरोना जैसी महामारी से पूरा देश उथल-पुथल हो चुका है। अविचारपूर्ण और अनियोजित लॉकडाउन से इस देश के गरीब मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। बहुत से गरीब मजदूर जो दो वक्त की रोटी के लिए अपना गांव, घर छोड़कर देश के बड़े शहरों को गये थे, उनका रोजगार छीन चुका है।
इस महामारी से निपटने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों की योजनाओं के सही न होने के कारण न जाने कितने लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। सरकार की योजना विहीन लॉकडाउन के कारण गरीब मजदूर अपने छोटे-छोटे बच्चों के परिवार के साथ भूखे-प्यासे पुलिस की लाठियाँ खाते, गालियाँ सुनते हजार-हजार किमी पैदल चलकर अपने घर पहुंच रहे हैं। इस समस्या से निपटने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है। आज काम करने वाले मजदूरों को गंभीर परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड- 19 महामारी को मुद्दा बनाकर हमारी सरकारें और हमारे नियोक्ता 12 घंटे कार्य दिवस करने के संबंध में विचार कर रहे हैं, जो कि पूरी तरह से बेबुनियाद, निकासार में मजदूरों के साथ अन्याय है।
भाकपा जिला परिषद कोण्ड़ागांव की ओर से अनुरोध किया जाता है कि आज मजदूरों के हितों की रक्षा करना बहुत ही आवश्यक हो गया है। उन्हें इस आपदा से उबारने के लिए बिंदुवार सुझाव देकर आपका ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है- आयकर के दायरे के बाहर के सभी परिवारों को आगामी 6 माह तक 7500/- रूपये मासिक नगद और हर व्यक्ति को 10 किलो अनाज हर माह मुफ्त दिया जाना उचित होगा। दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को खाना-पानी के साथ अपने घर लौटने के लिए मुफ्त परिवहन की व्यवस्था उपलब्ध कराना, क्वारेंटीन केन्द्रों में पौष्टिक आहार देना तथा चिकित्सा सहित सभी बुनियादी मानवीय सुविधाएं उपलब्ध कराना और उनके साथ मानवीय व्यवहार किया जाना उचित होगा।
मनरेगा मजदूरों को 200 दिन काम उपलब्ध कराना तथा इस योजना का विस्तार शहरी गरीबों के लिए भी किया जाना, मनरेगा में मजदूरी दर न्यूनतम वेतन के बराबर दिया जाना तथा काम न दे पाने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता दिया जाना आवश्यक होगा। राष्ट्रीय संपत्ति की लूट बंदकर, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाकर और श्रम कानूनों को तोड़-मरोड़कर, उन्हें खत्म करने की साजिश पर तत्काल रोक लगाया जाना चाहिए। कार्य के घंटे का समय 8 से घटाकर 6 घंटे किया जाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। आज की परिस्थितियों को देखते हुए बेरोजगारों को 10 हजार रूपये मासिक रोजगार प्रतीक्षा भत्ता दिया जाना आवश्यक प्रतीत होता है। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी जिला परिषद कोण्ड़ागांव द्वारा ज्ञापन प्रस्तुत कर आशा व्यक्त की गई है कि महामहिम राष्ट्रपति द्वारा उनके द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर गहन विचार कर प्रस्तुत सुझावों को अमल में लाने हेतु सरकारों को निर्देषित करेंगे। भाकपा जिला परिषद कोण्ड़ागांव के जिला सचिव का.तिलक पाण्डे के नेतृत्व में का.शैलेष शुक्ला, का.दिनेष मरकाम, का.भीषम मरकाम, का.जयप्रकाष नेताम, धनीराम, गजेंद्र कोर्राम आदि के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया।
MyNews36 प्रतिनिधि राजीव गुप्ता की रिपोर्ट