रायपुर – सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण पर आए फैसले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को नई भर्तियों के लिए बुधवार को पत्र जारी कर दिया है। पत्र में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुरूप भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इससे पहले भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने की बात कही थी। इसके बाद हाई लेवल मीटिंग लेकर जल्द ही बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियों में भर्ती और प्रमोशन के निर्देश दिए थे।
दरअसल, दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ में 58 प्रतिशत आरक्षण पर लगी रोक को हटा दिया था। इसके साथ ही इसी आरक्षण के आधार पर भर्ती और प्रमोशन के निर्देश भी दिए थे। इसके बाद ये माना जा रहा था कि प्रदेश में भर्तियां 58 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर हो सकेगी। हालांकि अभी यह राहत अंतरिम है। मतलब अगली सुनवाई या नये तथ्य के आते तक भर्तियां की जा सकेंगी। इससे पहले बिलासपुर हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताते हुए 58 प्रतिशत आरक्षण को खारिज कर दिया था।
आबादी के हिसाब से सरकार ने जारी किया था रोस्टर
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने 2012 में 58 फीसदी आरक्षण को लेकर अधिसूचना जारी की थी। इसमें प्रदेश की आबादी के हिसाब से सरकार ने आरक्षण का रोस्टर जारी किया था। इसके तहत अनुसूचित जनजाति को 20 की जगह 32 फीसदी, अनुसूचित जाति को 16 की जगह 12 फीसदी और ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया। इससे आरक्षण का दायरा संविधान द्वारा निर्धारित 50 फीसदी से ज्यादा हो गया।
हाईकोर्ट के फैसले से पूरी तरह खत्म हो गया था आरक्षण
हाईकोर्ट के 58 प्रतिशत आरक्षण को खारिज किए जाने के बाद प्रदेश में आरक्षण पूरी तरह से समाप्त हो गया था। सभी भर्तियों और प्रमोशन पर ब्रेक लग गया था। जिसकी वजह से पीएससी सहित कई भर्तियों का फाइनल रिजल्ट रोक दिया गया था। आरक्षण नहीं होने से शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पर भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राज्य सरकार ने खुशी जताई है।

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