विश्व विख्यात बर्फानी दादा जी हुये ब्रह्मलीन,कल मेहंदीपुर बालाजी में दी जायेगी समाधि

करौली- अखिल भारतीय चतु: सम्प्रदाय के अध्यक्ष एवं महंत ब्रहर्षि योगीराज बर्फानी दादा महाराज (लाल बिहारी दास महाराज) ब्रह्मलीन हो गये हैं। महाराज ने गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार रात 9.45 बजे अंतिम सांस ली।महाराज को शुक्रवार को दोपहर 2 बजे मेहंदीपुर बालजी में समाधि दी जायेगी।विश्व विख्यात बर्फानी महाराज के देश-विदेश में अनुयायी और आश्रम हैं।इस मौके पर देशभर के साधु संतों के आने की संभावना जताई जा रही है।

बर्फानी महाराज ने अमरकंटक, अयोध्या, भोपाल, इंदौर, ओंकारेश्वर, नागपुर, राजनंदगांव, खैरागढ़, विशाखापट्टनम,आणंदो (कच्छ-गुजरात) में अपने आश्रम में विविध धार्मिक, मानवीय और सामाजिक गतिविधियों में जीवन समर्पित किया था।बर्फानी दादा ने करौली जिले में टोडाभीम तहसील में राजस्थान की धर्मस्थली मेहंदीपुर बालाजी में अपने वृहद आश्रम की स्थापना की थी।वे अपने अंतिम समय तक यहां सामाजिक और धार्मिक कार्यों का निर्देशन करते रहे थे।
लाखों अनुयायियों में शोक की लहर
महाराज ने ब्रम्हलीन होने से पहले अंतिम स्थान के रूप में राजस्थान के मेहंदीपुर को चुनकर राजस्थान की धरा को पावन किया।हिमालय काया कल्पी संत बर्फानी दादाजी हर साल 25 दिसंबर से 1 जनवरी तक भागवत कथा करते थे।इसमें देश-विदेश के अनुयायी राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी में दर्शनार्थ आया करते थे।बर्फानी दादा देवलोकगमन होने की खबर के बाद उनके लाखों अनुयायियों में शोक की लहर छा गई है।साेशल मीडिया पर भी महाराज की श्रद्धाजंलि दी जा रही है।वहीं मेहंदीपुर बालाजी में उनको समाधि दिये जाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।