रायपुर – छत्तीसगढ़ में पुलिस परिवार का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है।राज्य सरकार ने आरक्षकों की पदोन्नति का रास्ता साफ किया, बावजूद इसके पुलिस परिवार के लोग एक बार फिर राजधानी की सड़क पर उतर गए।सोमवार को नेशनल हाईवे पर करीब तीन घंटे तक पुलिस परिवार के लोगों ने जाम किया।अब भाजपा ने कांग्रेस सरकार को चुनावी वादों की याद दिलाई है।भाजपा ने कहा, सीएम भूपेश बघेल को पुलिस और उनके परिवार की जरूरत सिर्फ वोट लेने तक ही सीमित थी। वोट लेने के तीन साल तक इन्हें पुलिस परिवार की याद नहीं आई। जब पुलिस परिवार अपनी जायज मांगों को लेकर सरकार द्वारा किए वादे को याद दिलाने के लिए आंदोलन करने सामने आए तो सरकार दमन में उतर आई है।
कोरोना संक्रमण के बाद भी आंदोलन समाप्त कराने में सरकार की पहल नहीं
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि एक तरफ कोरोना संक्रमण की दर बढ़ती ही जा रही है। दूसरी ओर राजधानी में ऐसे हालात में भी चल रहे दो बड़े आंदोलन को समाप्त कराने में प्रदेश सरकार कोई सकारात्मक पहल नहीं कर रही है। राजधानी में पुलिस-स्वजनों और किसानों के दो बड़े आंदोलन जारी हैं। सोमवार को पुलिस-स्वजनों के आंदोलन के दौरान आंदोलित स्वजनों के साथ दुर्व्यवहार, धक्कामुक्की के बाद कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की गई।
इसी तरह प्रदेश के किसान भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करके सरकार का ध्यान खींच रहे हैं। साय ने कहा कि अपनी जान दांव पर लगाकर आंदोलन कर रहे इन लोगों के साथ संवेदनापूर्वक चर्चा करके, समाधान करके इन आंदोलनों को समाप्त करने में कोई रुचि नहीं ले रही है। साय ने पूछा कि क्या प्रदेश सरकार इन आंदोलनकारियों से बात करना भी जरूरी नहीं समझती?
उप्र और पंजाब की राजनीति में व्यस्त हैं सीएम
विष्णुदेव साय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उत्तर प्रदेश और पंजाब की राजनीति में व्यस्त हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की बढ़ती दर पर काबू पाने के लिए प्रदेश सरकार का कोई रोडमैप नजर नहीं आ रहा है। छत्तीसगढ़ आज संक्रमण के सामुदायिक प्रसार के कगार पर पहुंच गया है। लेकिन प्रदेश सरकार हालात की भयावहता को भांपने के लिए तैयार ही नहीं है। आखिर राज्य सरकार कर क्या रही है?
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