बड़ी खबर :वन विभाग की घोर लापरवाही- भूले अंतरराष्ट्रीय पैंगोलिन दिवस मनाना,मंत्री से की शिकायत

रायपुर- रायपुर के वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने वन विभाग पर आरोप लगाते हुए वन मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि वन विभाग वास्तव में पर्यटन विकास विभाग बन गया है। शिकारियों को सजा दिलवाने, वन तथा वन्य प्राणियों की रक्षा करने के अपने दायित्वों को पूरा करने की बजाय वन विभाग, पर्यटन के विकास पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। वन तथा वन्यजीवों के प्रति अपने दायित्व को भूल गया है।
इसका प्रमाण यह है कि आईयूसीएन की लाल सूची में (खतरे में अस्तित्व) दर्ज तथा वन्य संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-1 में दर्ज पैंगोलिन की रक्षा के लिए जागरूकता फैलाए जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय पेंगोलिन दिवस को मनाना वन विभाग भूल गया है। गौरतलब है कि देश-विदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 20 फरवरी अर्थात फरवरी के तीसरे शनिवार को यह दिवस मनाया जा रहा है।
पैंगोलिन का शिकारगढ़ बना छत्तीसगढ़ – तस्करों शिकारियों के हौसले बुलंद
वन विभाग की घोर लापरवाही तथा नजरअंदाजी के कारण छत्तीसगढ़ पैंगोलिन (साल खपरी) के शिकार का गढ़ बन गया है। विगत कुछ वर्षों में शायद ऐसे कोई भी 15 दिन नहीं निकले होंगे, जिसमें छत्तीसगढ़ से पैंगोलिन की तस्करी के समाचार नहीं प्रकाशित हुए हैं। शिकारियों और तस्करों के विरुद्ध कमजोर प्रकरण बनाने के कारण वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अनुसूचित एक के वन्यप्राणी जैसे पेंगोलिन के शिकार और अंगों की तस्करी के गैरजमानती अपराधों में भी दो-तीन दिनों में जमानत मिल जाती है, इससे अपराधियों के होसले बुलंद हैं।
तस्करी गरियाबंद जिले तथा उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व से हो रही है
सिंघवी ने मंत्री से अनुरोध किया है कि छत्तीसगढ़ में विशेष रुप से उड़ीसा से लगे गरियाबंद जिले तथा उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व में पैंगोलिन का ज्यादा शिकार होता है। वहां पर इनकी रक्षा करने तथा शिकार को रोकने के लिए उचित निर्देश दिए जाएं। वन विभाग यह सुनिश्चित करें कि आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय पैंगोलिन दिवस मनाया जाए।