Balmukhi Ramayana

Balmukhi Ramayana: यु तो भारत में सभी धर्म (हिन्दू,मुश्लिम,सीख,ईसाई) के लोग निवास करते है,लेकिन भारत देश में हिन्दुओं की बहुलता है,इसलिए इसे हिन्दू राष्ट्र भी कहा जाता है,पौराणिक काल से भारत में धर्मों और ग्रंथों को विशेष स्थान मिला है,भारत में ग्रंथों की पूजा की जाती है,भारत देश में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी का जन्म अयोध्या (उत्तरप्रदेश) में हुआ,जिसकी जीवनी को संत वाल्मीकि ने रामायण का नाम दिया,रामायण न सिर्फ ग्रन्थ बनकर रहा,बल्कि टीवी प्रोग्राम भी बने जो काफी प्रचलित है।आज भी लोग रामायण पढ़ना,देखना व सुनना पसंद करते है,इसी के चलते इंदौर के एक 10 वर्षीय बालक अवी शर्मा ने रामायण को फिर से लिखा है जिसका नाम उन्होंने “बालमुखी रामायण” (Balmukhi Ramayana) दिया है,इसमें 250छंद है,जिन्हें बोल चाल की भाषा हिंदी में लिखा गया है।
लेखक अवी शर्मा ने ने बताया कि- रामायण या तो स्थानीय भाषाओं में हैं या ऐसी भाषाओं में है जो लुप्त हो रही हैं।रामायण धारावाहिक से मुझे इसे दोबारा से लिखने की प्रेरणा मिली और मैंने “बालमुखी रामायण” की रचना की।
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Balmukhi Ramayana: यु तो भारत में सभी धर्म (हिन्दू,मुश्लिम,सीख,ईसाई) के लोग निवास करते है,लेकिन भारत देश में हिन्दुओं की बहुलता है,इसलिए इसे हिन्दू राष्ट्र भी कहा जाता है,पौराणिक काल से भारत में धर्मों और ग्रंथों को विशेष स्थान मिला है,भारत में ग्रंथों की पूजा की जाती है,भारत देश में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी का जन्म अयोध्या (उत्तरप्रदेश) में हुआ,जिसकी जीवनी को संत वाल्मीकि ने रामायण का नाम दिया,रामायण न सिर्फ ग्रन्थ बनकर रहा,बल्कि टीवी प्रोग्राम भी बने जो काफी प्रचलित है।आज भी लोग रामायण पढ़ना,देखना व सुनना पसंद करते है,इसी के चलते इंदौर के एक 10 वर्षीय बालक अवी शर्मा ने रामायण को फिर से लिखा है जिसका नाम उन्होंने “बालमुखी रामायण” (Balmukhi Ramayana) दिया है,इसमें 250छंद है,जिन्हें बोल चाल की भाषा हिंदी में लिखा गया है।